उत्तराखंड के केदारनाथ से मंगलवार को 127 और शव बरामद होने के साथ इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 807 हो गई है. इस बीच सुरक्षा बलों ने मंदिर परिसर में पड़े सड़े-गले शवों का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं टिहरी जिले में भूस्खलन की ताजा घटना में एक महिला और एक बच्चे के मरने की खबर है.देहरादून में मंगलवार को बादलों और धुंध छाए रहने की वजह से सहस्रधारा हेलीपैड और जॉली ग्रांट हवाईअड्डे से हेलीकाप्टरों की उड़ान में देरी हुई, लेकिन मौसम के ठीक होते ही हवाई सेवा बहाल हो गई और वहां फंसे करीब 9,000 लोगों को निकालने का काम चल रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केदारनाथ क्षेत्र से सोमवार से लेकर अब तक 127 और शव बरामद किए गए हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 807 हो गई है.
बद्रीनाथ में सबसे अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, लेकिन बारिश की वजह से यहां बचाव कार्य में रुकावट आ रही है. इस बीच मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इन तीर्थयात्रियों के रिश्तेदारों से धीरज रखने की अपील की है और कहा है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन एवं दवाइयां उपलब्ध करा दी गई है और वे सभी सुरक्षित हैं.
उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि बद्रीनाथ में फंसे उनके रिश्तेदारों को जल्द से जल्द से वहां से निकाल लिया जाएगा और कहा कि वे चिंता न करें.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की निगरानी में मंदिर क्षेत्र में पांच सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं.
राज्य पुलिस मुख्यालय के बताया कि मंदिर परिसर में बिखरे पड़े शवों की पहचान, पोस्टमार्टम और डीएनए सरंक्षण जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सामूहिक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जा रही हैं और इसके लिए देवदार की सूखी लड़कियों और घी से लदे ट्रकों को केदारनाथ के लिए रवाना कर दिया गया है. गौरतलब है कि यहां पड़े शव सड़ने लगे हैं और इससे क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है.
राज्य सरकार ने पुलिस मुख्यालय के डीआईजी संजय गुंजयाल और गढ़वाल रेंज के डीआईजी अमित सिन्हा को केदारनाथ में अंतिम प्रक्रिया मंगलवार को शुरू कराने का जिम्मा सौंपा है. इससे पहले बारिश होने के कारण सोमवार को यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम करने और उनका डीएनए संरक्षित करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का एक 42 सदस्यीय दल सोमवार को ही केदारनाथ के लिए रवाना हो गए था. इस त्रासदी के बाद के हालात से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए विभिन्न क्षेत्रों से पेशकश आ रही है.
उत्तरप्रदेश सरकार ने सबसे अधिक 25 करोड़ रुपये की मदद दी है, इसके बाद हरियाणा ने दस करोड़ और गुजरात तथा राजस्थान ने दो-दो करोड़ रुपये दिये हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केदारनाथ क्षेत्र से सोमवार से लेकर अब तक 127 और शव बरामद किए गए हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 807 हो गई है.
बद्रीनाथ में सबसे अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, लेकिन बारिश की वजह से यहां बचाव कार्य में रुकावट आ रही है. इस बीच मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इन तीर्थयात्रियों के रिश्तेदारों से धीरज रखने की अपील की है और कहा है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन एवं दवाइयां उपलब्ध करा दी गई है और वे सभी सुरक्षित हैं.
उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि बद्रीनाथ में फंसे उनके रिश्तेदारों को जल्द से जल्द से वहां से निकाल लिया जाएगा और कहा कि वे चिंता न करें.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की निगरानी में मंदिर क्षेत्र में पांच सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं.
राज्य पुलिस मुख्यालय के बताया कि मंदिर परिसर में बिखरे पड़े शवों की पहचान, पोस्टमार्टम और डीएनए सरंक्षण जैसी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सामूहिक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जा रही हैं और इसके लिए देवदार की सूखी लड़कियों और घी से लदे ट्रकों को केदारनाथ के लिए रवाना कर दिया गया है. गौरतलब है कि यहां पड़े शव सड़ने लगे हैं और इससे क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है.
राज्य सरकार ने पुलिस मुख्यालय के डीआईजी संजय गुंजयाल और गढ़वाल रेंज के डीआईजी अमित सिन्हा को केदारनाथ में अंतिम प्रक्रिया मंगलवार को शुरू कराने का जिम्मा सौंपा है. इससे पहले बारिश होने के कारण सोमवार को यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम करने और उनका डीएनए संरक्षित करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का एक 42 सदस्यीय दल सोमवार को ही केदारनाथ के लिए रवाना हो गए था. इस त्रासदी के बाद के हालात से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए विभिन्न क्षेत्रों से पेशकश आ रही है.
उत्तरप्रदेश सरकार ने सबसे अधिक 25 करोड़ रुपये की मदद दी है, इसके बाद हरियाणा ने दस करोड़ और गुजरात तथा राजस्थान ने दो-दो करोड़ रुपये दिये हैं.
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